उत्तराखंड

केदारनाथ बचाव अभियान चौथे दिन भी जारी, अब तक 10,374 को सुरक्षित निकाला गया

देहरादून : सचिव, आपदा प्रबन्धन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने बताया कि दिनांक 31.07.2024 को अतिवृष्टि के कारण अवस्थापना को भारी क्षति पहुंची है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा इस आपदा के कारण केदारनाथ तथा केदारनाथ यात्रा मार्ग पर फंसे लोगों के रेस्क्यू के लिए पूरी क्षमता के साथ खोज बचाव तथा राहत कार्य कराये जाने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए निर्देशों के क्रम में दिनांक 01.08.2024 से 03.08.2024 तक कुल 9099 लोगों को सकुशल निकाला गया था। रेस्क्यू तथा खोज व बचाव का कार्य लगातार जारी है। केदारनाथ तथा रास्ते में ऊपर की ओर लगातार घने बादल छाये हैं। इस कारण रेस्क्यू कार्य में लगातार व्यवधान हो रहा है। भारतीय वायुसेना द्वारा उपलब्ध कराया चिनूक हेलीकॉप्टर मौसम खराब होने के कारण अभी तक एक भी उड़ान नहीं भर पाया है। एमआई-17 हेलीकॉप्टर द्वारा खराब मौसम के कारण अभी तक केवल 3 उड़ान भरी जा सकी है तथा केवल 60 लोगों को रेस्क्यू किया जा सका है।
ऐसे में राज्य सरकार द्वारा छोटे हेलीकॉप्टरों से रेस्क्यू का कार्य किया जा रहा है। आज लगभग 400 लोगों को श्री केदारनाथ से लिंचोली तक पैदल लाया गया। लिंचोली से उन्हें हेलीकॉप्टर से चारधाम हेलीपैड, सिरसी हेलीपैड आदि स्थानों पर लाया गया है। वर्तमान में रेस्क्यू कार्य हेतु 05 हेलीकॉप्टर लगाए गए हैं। लिंचोली तथा भीमबली से लगभग 560 तथा केदारनाथ से 80 लोगों को रेस्क्यू किया गया है। केदारनाथ धाम से 138 लोगों को लिंचौली और भीमबली से 2409 तथा चीड़बासा (गौरीकुण्ड) से 75 लोगों को एयरलिफ्ट कर चारधाम हेलीपैड व सिरसी हेलीपैड आदि स्थानों पर लाया गया है। भीमबली तथा लिंचोली से पैदल मार्ग से अब तक कुल 567 लोगों को चौमासी कालीमठ तक लाया गया है। इसी प्रकार गौरीकुण्ड से सोनप्रयाग तक कुल 7185 लोगों को वापस लाया गया है। इस प्रकार आज 04.08.2024 शाम 05ः00 बजे तक कुल 10,374 लोगों को वापस लाया गया है।
वर्तमान में गौरीकुण्ड से सभी को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है। गौरीकुण्ड में कोई भी यात्री शेष नहीं है। वर्तमान में वहां पर रहने वाले स्थानीय निवासी, दुकानदार, डोली पालकी संचालक, घोड़े खच्चर संचालक आदि रह रहे हैं। वर्तमान में भीमबली तथा लिंचोली से भी अधिकांश यात्रियों को सकुशल रेस्क्यू कर लिया गया है। वर्तमान में लिंचोली में लगभग 50 यात्री रुके हैं। वर्तमान में केदारनाथ धाम में लगभग 350 यात्री रुके हुए हैं। केदारनाथ धाम में लगभग 350 यात्रियों के अलावा तीर्थ पुरोहित, स्थानीय दुकानदार, स्थानीय निवासी, पालकी डोली संचालक, घोड़े खच्चर संचालक आदि भी हैं।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर केदारघाटी में विभिन्न स्थानों पर रुके लोगों को खाने पीने की समुचित व्यवस्था कराई जा रही है। उनके रुकने हेतु आश्रय की व्यवस्था की जा रही है। वर्तमान में केदारनाथ में 15 से अधिक दिनों हेतु खाद्य सामग्री उपलब्ध है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के अनुपालन में खोज-बचाव तथा राहत कार्यों में मानव शक्ति बढ़ायी गई है। दिनांक 03 अगस्त तक खोज व बचाव तथा राहत कार्य में कुल 882 लोग कार्यरत थे।  इसमें और 278 लोगों को बढ़ाया गया है। इसके साथ ही अब खोज-बचाव तथा राहत कार्य में कुल 1160 लोग कार्य कर रहे हैं। अतिवृष्टि के कारण केदारनाथ , गौरीकुण्ड तथा केदारनाथ गौरीकुण्ड पैदल यात्रा मार्ग पर दूरसंचार सेवाएं बाधित हुई थी। इस कारण कुछ लोगों द्वारा इस बारे में कई तरह की आशंकाएं व्यक्त की जा रही थी। दिनांक 02 अगस्त से केदारनाथ में व्हाट्सएप के माध्यम से कॉल करने की सुविधा दी गयी है।
दिनांक 03 अगस्त को गौरीकुण्ड में दूरसंचार सेवा बहाल कर दी गयी थी। जिन लोगों से सम्पर्क नहीं होने की बात की जा रही थी, पुलिस द्वारा ऐसे लोगों से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया। दिनांक 03 अगस्त को पुलिस द्वारा सम्पर्क किये जाने पर अधिकांश लोगों से संपर्क हो गया है। पुलिस द्वारा लगातार अन्य लोगों से संपर्क करने का प्रयास किया जा रहा है। यदि किसी व्यक्ति का यात्रा करने वाले उसके परिजनों से संपर्क नहीं हो पाया है तो वह जिला प्रशासन तथा पुलिस प्रशासन द्वारा जारी किए गए दूरभाष नंबरों पर संपर्क कर अपने परिजनों की जानकारी ले सकते हैं।
हेल्पलाइन नं.-
लैंडलाइन 01364-233727, 297878ए 297879,
मोबाइल- 7579257572, 8958757335, 7579104738
बता दें कि अधिकांश लोगों से संपर्क हो चुका है, फिर भी मुख्यमंत्री के निर्देश पर एहतियातन गौरीकुण्ड से केदारनाथ यात्रा मार्ग पर वृहद स्तर पर खोजबीन की जा रही है। खोज-बचाव कार्य में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, प्रशासन तथा यात्रा मैनेजमेण्ट टास्क फोर्स के लोगों को लगाया गया है। इनके द्वारा लगातार खोजबीन की जा रही है। इस कार्य हेतु स्निफर डॉग की भी मदद ली जा रही है। वहीं, सोनप्रयाग में क्षतिग्रस्त शटल ब्रिज के संबंध में मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में सेना से मदद का अनुरोध किया गया। आज से सेना के 141 जवानों ने सोनप्रयाग में ट्राली लगाने का कार्य शुरू कर दिया गया है। सोनप्रयाग में ट्राली लगाने हेतु सेना के साथ-साथ एनडीआरएफ और एसडीआरएफ भी सहयोग कर रहे हैं।
आपदा की इस घड़ी में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का पशु प्रेम भी सामने आया है। मुख्यमंत्री के निर्देर्शों के क्रम में पूरे केदारघाटी में घोड़े तथा खच्चरों हेतु पर्याप्त मात्रा में चारा चना, गुड़ आदि उपलब्ध कराया जा रहा है। हेलीकॉप्टर से भी पशुओं के लिए चारा आदि भेजा गया है। पशु चिकित्सा विभाग की 7 टीमें यात्रा मार्ग पर विभिन्न स्थानों पर भेजी गयी है जो पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण कर रही है तथा आवश्यकतानुसार पशुओं का इलाज कर रही है। वहीं, रेस्क्यू के दौरान तथा रेस्क्यू के उपरान्त रेस्क्यू किए गए व्यक्तियों का स्वास्थ्य परीक्षण करने की व्यवस्था की गई है। ताकि किसी भी यात्री को स्वास्थ्य संबंधी परेशानी होने पर समय पर समुचित इलाज दिया जा सके। वर्तमान में चारधाम यात्रा मार्ग पर तथा केदारनाथ धाम में स्थिति सामान्य है। यात्रामार्ग पर तथा केदारनाथ धाम में सभी लोग पुरी तरह से सुरक्षित हैं। राहत एवं बचाव कार्य पूरी क्षमता के साथ किया जा रहा है।

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