चुनावी मोड में उत्तराखंड पुलिस, सभी बूथों पर तैनात रहेंगी सीएपीएफ, लापरवाही पर पुलिस अफसरों की होगी जवाबदेही
देहरादून: उत्तराखंड की 5 लोकसभा सीटों पर 19 अप्रैल को पहले चरण में चुनाव संपन्न हो जाएगा चुनाव की तैयारी के लिए सिर्फ महीना भर बचा है। उत्तराखंड के डीजीपी चुनाव आयोग के हर उस आदेश को सख्ती से लागू कर रहे हैं जो पुलिस से जुड़ा है। उत्तराखंड के डीजीपी अभिनव कुमार ने बताया कि पुलिस क्या-क्या कार्रवाई इस दौरान कर रही है।
चुनाव को लेकर डीजीपी का आदेश: डीजीपी अभिनव कुमार का कहना है कि राज्य की सीमाओं पर चौकियों पर तैनाती की जा रही है। चुनाव आयोग के निर्देशों के मुताबिक, सीमाओं पर अवैध शराब और नकदी की आवाजाही पर चेकिंग की जाएगी। ताकि चुनाव प्रक्रिया को सुचारू बनाया जा सके जिससे चुनाव प्रभावित नहीं होंगे। सख्त निगरानी की जाएगी और यदि कोई अनियमितता होती है, तो न केवल दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, बल्कि उस क्षेत्र के पुलिस स्टेशन के संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों की जवाबदेही भी तय की जाएगी।
सभी बूथों पर तैनात होंगी सीएपीएफ: आगामी लोकसभा चुनाव के लिए राज्य में सुरक्षा तैयारियों पर उत्तराखंड के डीजीपी अभिनव कुमार कहते हैं, सभी पुलिस अधिकारियों को आचार संहिता को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया गया है। आचार संहिता का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सभी बूथों पर पुलिसकर्मी, होमगार्ड्स और सीएपीएफ (Central Armed Police Forces) तैनात रहेंगे।
इन जिलों की सीमाएं दूसरे देशों से लगी हैं: गौरतलब है कि उत्तराखंड भारत का एक हिमालयी सीमावर्ती राज्य है। इसके तीन जिलों पिथौरागढ़, चंपावत और उधमसिंह नगर जिलों की सीमाएं नेपाल से लगती हैं। इसके साथ ही तीन जिलों उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ जिलों की सीमाएं चीन के कब्जे वाले तिब्बत से मिलती हैं। यही नहीं पांच जिलों उधम सिंह नगर, नैनीताल, पौड़ी, हरिद्वार और देहरादून की सीमाएं पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश से लगी हैं। उत्तरकाशी और देहरादून जिलों की सीमाएं पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश से मिली हैं।