उत्तराखंड के विकास का आधार: मुख्यमंत्री धामी ने कहा- बोली-भाषा संरक्षण,पलायन को लेकर चिंता जाहिर कर प्रधानमंत्री ने जताया उत्तराखंड के प्रति लगाव
देहरादून : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखण्ड की बोली भाषाओं से लेकर पलायन तक चिंता जताकर, उत्तराखण्ड से अपने लगाव को प्रदर्शित किया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री के नौ आग्रहों को विकास का मूल मंत्र मानकर आगे बढ़ेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य स्थापना दिवस के अपने संबोधन में उत्तराखण्ड को लेकर नौ आग्रह सार्वजनिक किए थे। इनमें से पांच आग्रह उत्तराखण्ड के लोगों से किए थे। जबकि चार आग्रह यहां आने वाले पयर्टकों, तीर्थयात्रियों से थे। अब उत्तराखण्ड सरकार प्रधानमंत्री के आग्रहों को नीतियों का आधार बनाने जा रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि प्रधानमंत्री ने उत्तराखण्ड की गढ़वाली, कुमांउनी, जौनसारी सहित सभी बोलियों के संरक्षण पर जोर दिया है। साथ ही प्रवासियों से अपने गांव से संबंध बनाए रखने और अपने परंपरागत शैली के तिबारी वाले घरों के संरक्षण की अपील की है। इससे साफ है कि प्रधानमंत्री के दिल में उत्तराखण्ड के प्रति विशेष लगाव है। इसलिए सरकार प्रधानमंत्री के सभी आग्रहों पर जन सहयोग के जरिए काम करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार बोली-भाषाओं के संरक्षण के लिए पहले ही क्षेत्रीय बोली की फिल्मों के निर्माण पर विशेष प्रोत्साहन दे रही है। लोक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए सरकार विभिन्न मेलों को सहायता प्रदान कर रही है। ईगास और हरेला पर्व अब धूमधाम से मनाया जा रहा है। इसी तरह, सरकार लोगों को अपने परंपरागत तिबारी वाले घरों को संरक्षित करते हुए इन्हें होम स्टे में पंजीकृत कराने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। प्रवासियों का उत्तराखण्ड से लगाव मजबूत करने के लिए सरकार ने इसी साल से प्रवासी उत्तराखण्डी सम्मेलन का भी आयोजन प्रारंभ किया है। अब प्रधानमंत्री के संबोधन से इन सभी कार्यक्रमों में और तेजी आएगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक पेड़ मां के नाम के तहत पौधारोपण करने की भी अपील की है। प्रधानमंत्री की अपील के बाद राज्य सरकार इस अभियान को और गति देगी। अभी सावन में हरेला पर्व पर वृहद स्तर पर पौधरोपण किया गया। जिस कारण उत्तराखण्ड में ग्रीन कवर बढ़ने की उम्मीद है। इसी तरह सरकार उत्तराखण्ड में प्राकृतिक जल की स्वच्छता और शुद्धता बनाए रखने के लिए प्रधानमंत्री की अपील के क्रम में व्यापक अभियान शुरू करेगी। इसके लिए उत्तराखण्ड के धारे, नौलों, लघु सरिताओं का विशेष तौर पर संरक्षण किया जाएगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने पहाड़ में सिंगल यूज प्लास्टिक के खतरों के प्रति भी पर्यटकों को आगाह किया है। राज्य सरकार पहले ही चारों धामों में प्लास्टिक कूड़ा निस्तारण की ठोस व्यवस्था कर चुकी है। इसके साथ ही यात्रा मार्ग पर क्यूआर कोड के जरिए प्लास्टिक कूड़े की वापसी की भी कोशिश रंग ला रही है। प्रधानमंत्री की अपील के बाद पर्यटकों में इसको लेकर जागरुकता आएगी। इसी तरह प्रधानमंत्री के आग्रह के अनुसार पर्यटक अधिक से अधिक स्थानीय उत्पादों की खरीद कर सकें, इसके लिए यात्रा मार्ग पर महिला स्वयं सहायता समूहों के स्टॉल लगाए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यात्रियों से पहाड़ में सुरक्षित यातायात के लिए ट्रैफिक नियमों का पालन करने की अपील की है। साथ ही धामों की पवित्रता का भी ख्याल रखने को कहा है, इससे धामों की गरिमा बरकरार रहने की उम्मीद है।