Sunday, November 24, 2024
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Breaking news : डोईवाला शुगर मिल में ध्वजारोहण कर रहे थे अधिशासी निदेशक डीपी सिंह, तभी सुरक्षा कर्मी से भूलवश चल गई गोली

देहरादून: डोईवाला शुगर मिल में गणतंत्र दिवस के मौके पर ध्वजारोहण के दौरान गंभीर लापरवाही सामने आई है। इस दौरान सुरक्षा कर्मी से भूलवश राइफल से गोली चल गई। गोली के छर्रे ध्वजारोहण की तैयारी कर रहे अधिशासी निदेशक वरिष्ठ पीसीएस अफसर दिनेश प्रताप (डीपी) सिंह के पेट में जा लगे। इससे वह घायल हो गए। हालांकि, उनके जज्बे को सलाम है। घायल होने के बाद भी उन्होंने न सिर्फ ध्वजारोहण किया, बल्कि राष्ट्रगान के बाद संविधान के पालन और रक्षा की शपथ भी दिलाई।डोईवाला बताया जा रहा है कि शुगर मिल में ध्वजारोहण के बाद हर्ष फायरिंग की परंपरा है। इसी परंपरा के लिए सुरक्षा कर्मी हर्ष फायरिंग के लिए मोर्चा जमा रहा था। राइफल का मुहं सामने ध्वजारोहण के लिए खड़े अधिशासी निदेशक डीपी सिंह की तरफ था। तभी अचानक राइफल से गोली निकल पड़ी। गनीमत रही कि गोली थोड़ी दूर पर जमीन से जा टकराई। हालांकि, उससे निकले 312 बोर के छर्रे अधिशासी निदेशक के पेट में जा लगे। ध्वजारोहण के दौरान इतनी बड़ी चूक हो जाने से हर कोई सकते में दिखा। इस घटना का वीडियो भी सामने आया है। जिसमें सुरक्षा कर्मी सफाई देते हुए कह रहा है कि स्लिप हो गया सर। वह इस चूक के लिए सॉरी कह रहे हैं। दूसरी तरफ अधिशासी निदेशक सुरक्षा कर्मी से गन लेने के लिए कहते हैं। साथ ही कहते हैं कि सॉरी से कुछ नहीं होता है। यही गोली किसी को लग जाती तो?सुरक्षा कर्मी निलंबित, बैठाई जांच

गोली चलने की घटना के बाद अधिशासी निदेशक डीपी सिंह शुगर मिल के सुरक्षाकर्मी को निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही प्रकरण की जांच के लिए कमेटी भी गठित कर दी गई। गोली चलने के वीडियो को भी जांच का हिस्सा बनाया गया है। जांच रिपोर्ट के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी कि गोली किन परिस्थितियों में चली। खैर, गोली किसी को लगी नहीं, फिलहाल इसी बात का संतोष व्यक्त किया जा रहा है।

सिनर्जी को कराया उपचार, निपटाया काम

बताया जा रहा है कि गोली के छर्रे लगने के बाद भी साहसी पीसीएस अफसर ने ध्वजारोहण की अपनी सभी जिम्मेदारियों को निभाया। हालांकि, जब खून अधिक बहने लगा और दर्द बढ़ता गया तो उन्हें उपचार के लिए दून के सिनर्जी अस्पताल में भर्ती कराया गया। यह बात भी सामने आ रही है कि उपचार के बाद भी पीसीएस अफसर ने शाम तक रूटीन के आवश्यक काम निपटाए। उनके जज्बे की प्रशंसा की जा रही है।

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