Sunday, November 24, 2024
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उत्तराखंड

उत्तरकाशी के सहस्त्रताल में ट्रैकिंग दल फंसा,तीन जिलों से एक साथ शुरू हुआ सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन, वायुसेना की मांगी गई मदद

उत्तरकाशी: सहस्त्रताल ट्रैकिंग रुट पर फंसे ट्रैकर्स को रेस्क्यू करने के लिए बुधवार तड़के व्यापक खोज एवं बचाव अभियान शुरू किया गया है। इसमें जमीन के साथ ही हवाई मार्ग का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। उत्तरकाशी प्रशासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए वायुसेना से भी मदद मांगी है। उत्तरकाशी के डीएम डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने जानकारी दी है कि एसडीआरएफ व वन विभाग की रेस्क्यू टीमें अलग-अलग दिशाओं से घटनास्थल के लिए रवाना हो चुकी हैं। इनमें वन विभाग की 10 सदस्यीय रेकी व रेस्क्यू टीम सिल्ला गांव से आगे निकल चुकी है। जबकि, उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से एसडीआएफ की टीम भी तड़के टिहरी जिले के बूढाकेदार की तरफ से रेस्क्यू के लिए रवाना हुई है।

एसडीआरएफ, आईटीबीपी, निम और वन विभाग की टीमें भी ट्रैक पर फंसे 13 ट्रैकर को बचाने के लिए जुटीं 

रेस्क्यू ऑपरेशन के समन्वय में जुटे उत्तरकाशी के एसपी अर्पण यदुवंशी ने बताया कि एसडीआरएफ की हाई एल्टीट्यूड में रेस्क्यू ऑपरेशन संचालित करने वाली एक्सपर्ट टीम को भी देहरादून के सहस्त्रधारा हेलीपेड से एरियल रेकी के लिए कमांडेंट मणिकांत मिश्र ने रवाना कर दिया है। हेलीकॉप्टर से तीन सदस्य भेजे गए हैं, जबकि तीन अन्य को बैकअप में रखा गया है।  उत्तरकाशी जिला अस्पताल और भटवाड़ी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को अलर्ट पर रखा गया है। मातली से भी आईटीबीपी के 14 रेस्क्यूअर्स की टीम एक डॉक्टर को साथ लेकर सहस्रताल ट्रैकिंग रुटबकी ओर रवाना हुई है। इनके साथ ही उत्तरकाशी स्थित नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) से भी बैकअप टीम रवाना की जा रही है।

डीएम डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए जिले का आपदा कंट्रोल रूम मंगलवार शाम से ही निरंतर सक्रिय है। उन्होंने बताया कि टिहरी जिला प्रशासन ने भी हेली रेस्क्यू के लिए अरदंगी हेलीपेड को अलर्ट मोड पर रखा है। वहां एंबुलेंस टीम, पीडब्ल्यूडी और पुलिस की टीमें भी तैनात की गई हैं। खोज एवं बचाव के लिए टिहरी जिले से भी वन विभाग, एसडीआरएफ, पुलिस व स्थानीय लोगों की टीम रवाना की जा रही है, जो घनसाली के पिंस्वाड से पैदल रवाना हो रही है। डीएम डॉ. बिष्ट ने बताया कि फंसे ट्रेकर्स व मृतकों के शवों को निकालने के लिए वायुसेना की भी मदद मांगी गई है। इस संबंध में केंद्रीय रक्षा मामलों के विभाग के संयुक्त सचिव से आग्रह किया गया है।

चार ट्रैकर की हो चुकी मौत, सहस्रताल ट्रैक पर निकले दल में कर्नाटक और महाराष्ट्र के ट्रैकर शामिल

हिमालयन व्यू ट्रैकिंग ऐजेंसी (मनेरी) के मध्यम से  मल्ला-सिल्ला-कुशकल्याण-सहस्त्रताल ट्रैक पर 22 सदस्यीय ट्रैकिंग दल 29 मई को रवाना हुआ था। इसमें कनार्टक के 18 और महाराष्ट्र के एक ट्रैकर के साथ ही तीन स्थानीय गाइड शामिल थे। इस ट्रैकिंग दल को 7 जून तक वापस लौटना था। लेकिन, सोमवार को अंतिम शिविर से सहस्त्रताल पहुंचने के दौरान मौसम खराब होने से दल रास्ता भटक गया। डीएम के अनुसार, संबंधित ट्रैकिंग एजेंसी ने मंगलवार शाम ट्रैकिंग दल के चार सदस्यों की मौत होने और 13 अन्य के ट्रैक पर फंसे होने की सूचना दी है, जिसके बाद सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन शुरु किया गया है।  सदस्यों को शीघ्र रेस्क्यू किये जाने का अनुरोध किया गया है। सहस्त्रताल करीब 4100 से 4400 मीटर की ऊंचाई पर उत्तरकाशी और टिहरी की सीमा पर स्थित है।

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