हलद्वानी हिंसा में एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा बने सिंघम, पुलिसकर्मियों को बचाने के लिए जोखिम में डाली अपनी जान
हलद्वानी: बनभूलपुरा प्रकरण में एसएसपी ने जिस तरह पुलिस कर्मियों को बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डाली उसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता मलिक के बगीचे में जब पीएससी व पुलिस के दर्जनों जवान पथराव में फंस गए उपद्रवियों ने उन्हें चारों ओर से घेर लिया था तब एसएसपी मीणा ढाल बनकर खड़े रहे पथराव में चोटिल होने के बाद भी उन्होंने जवानों का साथ नहीं छोड़ा उन्हें पथराव से बचाया और सुरक्षित जगह तक साथ लेकर आए वही बनभूलपुरा थाना जलने की सूचना मिलने पर उन्होंने खुद मोर्चा संभाला ।
8 फरवरी को प्रशासन व नगर निगम के साथ एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा मलिक के बगीचे में कार्यवाही को अंजाम तक पहुंचाने के लिए गए थे मगर तभी चारों ओर से पथराव शुरू हो गया था आगजनी भी हो गई कई प्रशासनिक अधिकारी मौके की नजाकत को भापते हुए खिसक गए मगर एसएसपी ने अपनी टीम का साथ नहीं छोड़ा मजबूती के साथ वह अतिक्रमण ध्वस्त होने तक मलिक के बगीचे में खड़े रहे पथराव में उन्हें काफी चौटें आई जब पीएससी व पुलिस जवान पथराव में फंसे तो उनके पास जाकर उन्हें हिम्मत दी। सिर बचाकर रखने के लिए अपील करते रहे चोटिल व कराहते पुलिस कर्मियों को बाहर पहुँचाया उसे दिन स्थिति यह थी कि यहां कोई फोन रिसीव नहीं कर पा रहा था और खुद जान बचाने के लाले पड़ रहे थे ।
एसएसपी अतिक्रमण ध्वस्त होने के कार्रवाई को अंजाम तक पहुंचाकर बाहर निकले तभी बनभूलपुरा थाना फुकने की जानकारी हुई उपद्रवी भी तांडव मचा रहे थे थाने में पेट्रोल बम फेंके जा रहे थे बाहर खड़े वाहन में लगी आग की लपटे थाने के अंदर घुस रही थी कुछ पुलिसकर्मी जान बचाने के लिए गलियों में भाग रहे थे थाने के अंदर प्रशासनिक व पुलिस के अधिकारी और कर्मचारी फंसे थे । ताज चौराहे से अंदर घुसने की कोई हिम्मत नहीं कर पा रहा था । एसएसपी ने टीम को साथ लिया और बनभूलपुरा थाने की और कुच कर गए । उन्हें देख जवानों का हौसला बढ़ा सबने उनके पीछे चलना शुरू कर दिया । पुलिस को देख उपद्रवियों ने अपने कदम पीछे खींचे और घरों में छिपने लगे थे एसएसपी के प्रयास की पूरे महकमें में चर्चाएं हो रही है ।