लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने देहरादून में ‘द टोंसब्रिज स्कूल’ के वार्षिकोत्सव में की शिरकत,कहा दुनिया की 21 वीं शताब्दी भारत की शताब्दी
देहरादून : लोक सभा के अध्यक्ष ओम बिरला ने देहरादून के प्रेमनगर, नंदा की चौकी स्थित एक स्कूल के वार्षिकोत्सव में बतौर मुख्य अतिथि भाग लिया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने छात्रों की प्रस्तुति और स्कूल के कार्यों की सराहना की। स्कूल के सभागार में मुख्य अतिथि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, पर्यावरणविद पद्मभूषण डॉ. अनिल जोशी ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। इस दौरान आईटीबीपी के जवानों ने बैंड की प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। मुख्य अतिथि ने प्रथम सीडीएस जनरल बिपिन रावत की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर परिसर में पौधा भी रोपा। इसके साथ ही हवन यज्ञ कार्यक्रम में भी उन्होंने प्रतिभाग किया। मुख्य अतिथि ने छात्रों की हौसला अफजाई करते हुए उन्हें सम्मानित भी किया।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने वार्षिक समारोह में मौजूद छात्रों-अभिभावकों सहित सभी व्यक्तियों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि जब भी मैं उत्तराखण्ड आता हूं मुझे नई उर्जा, प्रेरणा के साथ काम करने की नई दिशा मिलती है। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि जीवन में विद्यार्थी जीवन सबसे स्वर्णिम काल होता है। जहां वह जिंदगी को जीता है और उसके साथ-साथ अपने कैरियर का निर्माण भी करता है। वह अपने मित्रों के साथ, सहयोगियों के साथ लंबा समय गुजारने का अवसर विद्यालय में पाता है। जहां वह अपने मित्रों के साथ जिंदगी के स्वर्णिम अवसर जीता है। वहीं, विद्यालय के अध्यापक भी विद्यार्थियों के बेहतर भविष्य के लिए अपना जीवन समर्पित कर देते हैं।
बिरला ने कहा कि विद्यालय में स्थित सीडीएस जनरल बिपिन रावत की प्रतिमा से हमें अनुसाशन व देशभक्ति की प्रेरणा मिलती है। देश की रक्षा करने वाले सैकड़ों सैनिकों से लेकर अधिकारियों तक इस धरती पर निवास करते हैं और उनकी इच्छा रहती है कि देहरादून में पढ़ने वाला हर विद्यार्थी अनुशासित और राष्ट्रभक्त नौजवान बने।
उन्होंने कहा कि पद्मश्री, पद्म विभूषण अनिल जोशी ने पर्यावरण को लेकर देश में नया जनांदोलन खड़ा किया।जल-जंगल-जमीन को बचाने की प्रेरणा विद्यार्थियों को बाल्यकाल से मिलनी चाहिए। बिरला ने कहा कि उन्हें भारत के नौजवान विद्यार्थियों पर गर्व है। जिनमें ज्ञान, विज्ञान, नए विचार, शोध व रिसर्च की अद्भुत क्षमता है और इसके साथ आध्यात्मिक ऊर्जा भी है।
बिरला ने कहा कि भौतिक संसाधनों में तेजी से आगे बढ़ रहा भारत आज आध्यात्मिक, धर्म और संस्कारों के कारण दुनिया का नेतृत्व कर रहा है। दुनिया के विकसित देशों को आगे बढ़ाने में भी भारत के नौजवानों का योगदान है। ओम बिरला ने कहा कि हर चुनौतियों को अवसर में बदलने की क्षमता विद्यार्थी जीवन से ही आती है। आज आवश्यकता है कि विद्यालयी जीवन में ऐसे संस्कार व शिक्षा दी m जाये कि दुनिया की 21वीं शताब्दी भारत की शताब्दी हो। यह ज़िम्मेदारी नौजवनों की है। भारत में कई ऐसी शख्सियत हैं, जिन्होंने अभावों में रहकर कठिन चुनौतियों से विज्ञान व तकनीक के क्षेत्र में बड़े अविष्कार किये हैं। जब हम अपने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जी का जीवन देखते हैं, तो हमें बड़ी प्रेरणा मिलती है।
बिरला ने इस दौरान सभी विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वह भारत की संसद में आएं और वहां स्वतंत्रता सेनानियों की जीवनी के दर्शन करें। जिन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया और भारत के निर्माण का रास्ता बनाया। जब हम उनके उनके जीवन दर्शन को समझेंगे और पढ़ेंगे तो नई प्रेरणा मिलेगी। इसलिए हमने नया विचार दिया है कि भारत मे पढ़ने वाला हर विद्यार्थी संसद में आए और देखे कि किस तरह लोकतंत्र के माध्यम से भारत के इस 75 वर्ष की यात्रा में मजबूत नेतृत्व देने का काम हुआ है। बिरला ने कहा कि आज हमें खुशी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया में नेतृत्व कर रहा है। आज हर दिशा में भारत आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व क्षमता के कारण दुनिया में भारत का विश्वास बढ़ा है।
इस मौके पर पर्यावरणविद पद्मभूषण डॉ. अनिल जोशी, स्कूल के चेयरमैन विजय नागर, निदेशक शैलेन्द्र बेंजामिन, प्रिंसिपल बेला सहगल, उत्तराखण्ड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना, सीबीएसई के पूर्व क्षेत्रीय अधिकारी डॉ. रणबीर सिंह सहित गणमान्य अतिथि उपस्थिति थे।