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फूलपुर विधानसभा सीट का उपचुनाव भाजपा के लिए बना बड़ी चुनौती,सीएम योगी ने संभाली ड्राइविंग सीट

उत्तरप्रदेश : फूलपुर विधानसभा सीट का उपचुनाव भाजपा के लिए बड़ी चुनौती से कम नहीं है। 2024 के लोकसभा चुनाव में इस विधानसभा सीट पर भाजपा से बढ़त लेनी वाली सपा उपचुनाव में भी कड़ी टक्कर देती दिखाई दे रही है। भारतीय जनता पार्टी के लिए इस विधानसभा का उपचुनाव किसी लिटमस टेस्ट से कम नहीं है। इसी वजह से पार्टी ने जहां पिछले दिनों ही डिप्टी सीएम केशव को इस सीट का प्रभारी बना दिया तो वहीं अब सीएम योगी ने भी ड्राइविंग सीट संभाल ली है। क्योंकि यह चुनाव 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है।

प्रदेश में अभी तक उपचुनावों की तिथि का ऐलान नहीं हुआ है लेकिन सभी पार्टियां जीत के लिए जोर लगाना शुरू कर चुकी हैं। भाजपा अयोध्या की मिल्कीपुर और फूलपुर विधानसभा सीट किसी भी कीमत पर जीतना चाह रही है। बुधवार को सीएम योगी इफको परिसर फूलपुर पहुंचे तो उन्होंने तमाम सरकारी योजनाओं का लाभ देने के साथ ही अपने आक्रामक अंदाज में चुनावी माहौल बनाने का पूरा प्रयास भी किया।

वहीं, इंडी गठबंधन भी लोकसभा चुनाव की जीत को उपचुनावों में भी कायम रखने का दम भर रहा है। लोकसभा का चुनाव भले ही प्रवीण पटेल मामूली अंतर से चुनाव जीत गए हो लेकिन वह अपनी विधानसभा सीट पर बुरी तरह से हारे। यहां भाजपा को 89650 तो सपा प्रत्याशी को 107510 मत मिले। यानी इस सीट से सपा ने 17860 की लीड ली थी। अगर लोकसभा वाला परिणाम आया तो भाजपा के हाथ से यह सीट फिसल जाएगी। पिछले दो विधानसभा चुनाव से भाजपा यहां से चुनाव जीत रही है, जबकि उसके पूर्व 2012 में सपा तो 2007 में बसपा चुनाव जीती थी।

फूलपुर के 10647 युवाओं को दिए टैबलेट और स्मार्ट फोन

युुवाओं को अपने पाले में करने के लिए भाजपा यहां पूरी तन्मयता से जुटी है। बुधवार को इफको परिसर में आयोजित कार्यक्रम में सरकार ने टैबलेट और स्मार्टफोन वितरण के लिए सर्वाधिक युवा इसी विधानसभा के चुने। 15448 में से इस विधानसभा के 10647 लाभार्थी रहे। इतना ही नहीं, जिले में जिन 407 योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास हुआ उसमें 146 योजनाएं सिर्फ फूलपुर विधानसभा की ही रहीं।

2022 में भी भाजपा प्रत्याशी की जीत की मार्जिन कम थी

2022 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो भाजपा महज 2700 वोट से ही चुनाव जीत सकी थी। हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनाव में जब केशरी देवी पटेल को भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया था तो उन्होंने 110137 वोट हासिल किए, जबकि सपा प्रत्याशी 99553 मत ही हासिल कर सके थे।

निर्णायक साबित होते हैं कुर्मी वोटर

फूलपुर विधानसभा सीट पर कुर्मी वोटर ही निर्णायक साबित होते हैं। इस बार भी भाजपा यहां से किसी कुर्मी प्रत्याशी को मैदान में उतार सकती है। 2022 एवं 2017 से भाजपा के टिकट पर प्रवीण पटेल निर्वाचित हुए, जबकि 2012 के चुनाव में सपा के सईद अहमद ने चुनाव जीता था। 2007 के चुनाव की बात करें तो तब प्रवीण पटेल बसपा के टिकट पर यहां से चुनाव जीते थे।

भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री अशोक बाजपेयी कहते हैं कि फूलपुर विधानसभा का उपचुनाव काफी अहम है। पार्टी सोच समझकर ही इस सीट से अपना उम्मीदवार फाइनल करेगी। यह बात सही है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में कुर्मी वोटरों में कुछ बिखराव दिखा। इसी वजह से इस लोकसभा से पार्टी की लीड कुछ कम हुई।

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