उत्तराखंड

मुख्यमंत्री धामी के निर्देश, मानसून में सड़क बंद हुई तो मरीजों और गर्भवतियों को मिलेगी हेली एंबुलेंस की सुविधा

देहरादून : मानसून के दौरान सड़क बंद होने पर मरीजों और गर्भवतियों को आपातकालीन स्थिति में हेली एंबुलेंस की सुविधा दी जाएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिव स्वास्थ्य और सचिव नागरिक उड्डयन विभाग को इस संबंध में कार्रवाई करने के निर्देश दिए। सीएम राज्य सचिवालय में मानसून पूर्व तैयारियों की समीक्षा बैठक कर रहे थे। कहा, स्वास्थ्य विभाग सभी गर्भवतियों को चिह्नित कर ले। बैठक में सीएम ने आपदा की स्थिति में बचाव एवं राहत कार्यों को प्रभावी ढंग से अंजाम देने के लिए अल्मोड़ा जिले के सरियापानी में एसडीआरएफ की एक बटालियन स्थापित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा, आपदा में त्वरित राहत एवं बचाव कार्य के लिए हेलिकॉप्टर की व्यवस्था होगी।

उन्होंने सभी विभागों को 15 जून तक मानसून पूर्व तैयारियां पूरी करने और नोडल अफसरों की तैनाती के निर्देश दिए। कहा, अतिवृष्टि से जो कार्य अभी तक पूरे नहीं हुए वे 15 जून तक हो जाएं। उन्होंने एसटीपी प्लांट और पुराने पुलों का सेफ्टी ऑडिट संग यह सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए कि मानसून के दौरान बिजली की तारों से कोई घटना घटित न हो। बैठक में उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु समेत कई अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

आपदा से निपटने की तैयारियों का एक्शन प्लान तलब
सीएम ने पिछले सालों में जिन क्षेत्रों में अधिक आपदाएं आईं व शासन और जनपद स्तर पर इससे निपटने के उपायों के संबंध में पूरा एक्शन प्लान तलब किया। उन्होंने मौसम के पूर्वानुमान की सटीक जानकारी लोगों तक समय पर पहुंचाने, मौसम के पूर्व चेतावनी के आधार पर लोगों को नियमित रूप से अलर्ट मोड पर रखने, मौसम के पूर्वानुमान और जन जागरूकता से अतिवृष्टि और आपदा के प्रभाव को कम करने के भी निर्देश दिए।

भूस्खलन क्षेत्र चिह्नित हों, वैकल्पिक व्यवस्था के प्लान बनें

उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को उनके जिलों में भू-स्खलन समस्या वाले क्षेत्र चिह्नित कर आवश्यक व्यवस्थाएं कराने के निर्देश दिए। कहा, जिन क्षेत्रों में बरसाती नदी और नाले उफान पर आते हैं, उनके लिए वैकल्पिक व्यवस्थाओं का अभी से प्लान बनाया जाए। कई कार्यों के लिए शासन स्तर से जो राशि की आवश्यकता है, उसका यथाशीघ्र प्रस्ताव भेजा जाए। जिन जिलाधिकारियों द्वारा धनराशि मांगी गई है, उसे शीघ्र किया जाए। इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।

ये भी दिए निर्देश

अवरुद्ध व बाधित होने वाली सड़कें, बिजली और पेयजल लाइन को सुचारू करने का रिस्पांस टाइम कम से कम हो।
अतिवृष्टि से फसलों को होने वाले नुकसान का तुरंत आकलन कर मानकों के अनुसार यथाशीघ्र क्षतिपूर्ति की जाए।
पर्वतीय जिलों में आवश्यक दवाओं, खाद्य सामग्री एवं अन्य मूलभूत आवश्यकताओं से संबंधित सभी व्यवस्थाएं हो जाएं।
मौसम के पूर्वानुमान के अनुसार जिलाधिकारी विद्यार्थियों की सुरक्षा के मद्देनजर छुट्टी की घोषणा करें।
स्कूल जाने के पैदल मार्गों में नदी और नाले वाले स्थानों पर वैकल्पिक मार्ग तलाशे जाएं।
हर जिले में बड़े रपटे चिह्नित किए जाएं एवं वहां पर सुरक्षा की दृष्टि से सभी आवश्यक व्यवस्थाएं कर ली जाएं।

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