Sunday, November 24, 2024
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Big Breaking: मुख्यमंत्री धामी ने रचा इतिहास,जनता से अपना वायदा किया पुरा, UCC उत्तराखण्ड विधानसभा में पास, जल्द लागू होगा कानून,गौरव का पल ,अन्य शासित राज्य भी करेंगे मुख्यमंत्री की नकल 

देहरादून : तीन दिनों तक चले उत्तराखंड में विशेष सत्र के बाद आखिरकार धामी सरकार उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करवाने में कामयाब हो गई आज सुबह से सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों के बीच काफी तीखी नोक-जोख हुई लेकिन धामी सरकार ने आसानी से विधानसभा में बिल को पास करवा लिया मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अंत में विधानसभा में अपनी बात रखते हुए कहा कि आज का दिन प्रदेश की हर महिला और हर तपके के लिए ऐतिहासिक है इस बीच बिल पास होने के बाद विधानसभा के बाहर जश्न शुरू हो गया था महिलाओं की भारी भीड़ बीजेपी और धामी के समर्थन में नारे लगाते हुए दिखाई दी।

इसके साथ ही सदन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मैं आज इस अवसर पर सभी प्रदेशवासियों को बधाई देना चाहता हूँ, क्योंकि आज हमारे उत्तराखंड की विधायिका एक इतिहास रचने जा रही है।

आज इस ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनते हुए, न केवल इस सदन को बल्कि उत्तराखंड के प्रत्येक नागरिक को गर्व की अनुभूति हो रही है हमारी सरकार ने आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ’’एक भारत और श्रेष्ठ भारत’’ मंत्र को साकार करने के लिए उत्तराखण्ड में समान नागरिक संहिता लाने का वादा किया था

प्रदेश की देवतुल्य जनता ने हमें इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए अपना आशीर्वाद देकर पुनः सरकार बनाने का मौका दिया। सरकार गठन के तुरंत बाद, पहली कैबिनेट की बैठक में ही समान नागरिक संहिता बनाने के लिए एक विशेषज्ञ समिति के गठन किया

27 मई 2022 को उच्चतम न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई जी के नेतृत्व में पांच सदस्यीय समिति गठित की गई, देश के सीमांत गांव माणा से प्रारंभ हुई यह जनसंवाद यात्रा करीब नौ माह बाद 43 जनसंवाद कार्यक्रम करके नई दिल्ली में पूर्ण हुई

2 लाख 32 हजार से अधिक सुझाव प्राप्त हुए। प्रदेश के लगभग 10 प्रतिशत परिवारों द्वारा किसी कानून के निर्माण के लिए अपने सुझाव दिए। हमारे प्रदेश की देवतुल्य जनता की जागरूकता का प्रत्यक्ष प्रमाण है

सीएम धामी ने कहा कि जिस प्रकार से इस देवभूमि से निकलने वाली मां गंगा अपने किनारे बसे सभी प्राणियों को बिना भेदभाव के अभिसिंचित करती है, इस सदन से निकलने वाली समान अधिकारों की ये गंगा हमारे सभी नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों को सुनिश्चित करेगी”

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