सिद्धि डोभाल ‘सागरिका’के प्रथम काव्य संग्रह ‘शब्द वाटिका’ का विमोचन, समाज को प्रेरणा देते हैं कविता और साहित्य- कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल
देहरादून: सिद्धि डोभाल ‘सागरिका’ के प्रथम काव्य संग्रह ‘शब्द वाटिका’ का विमोचन हिंदी भवन में किया गया। बतौर मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, डीएवी पीजी कॉलेज संस्कृत विभाग के प्रोफेसर राम विनय सिंह, साहित्यकार बीना बेंजवाल, डा योगेश धस्माना आदि अतिथियों ने काव्य संग्रह का विमोचन किया।
हिंदी भवन में काव्य संग्रह विमोचन की शुरुआत अतिथियों ने मां सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलित कर किया। ममता जोशी ने सरस्वती वंदना शारदे मां तुझे है नमन, दे जगह मां मुझे निज चरण..से शुभारंभ किया।अंशी कमल ने शीश अपना झुका कह रहे आज हम, स्वागतम स्वागतम आपका स्वागतम… प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने सिद्धि डोभाल को प्रथम काव्य संग्रह के विमोचन की बधाई दी। उन्होंने कहा कि कविता और साहित्य समाज को प्रेरणा देते हैं। शब्द भाषा की आत्मा है। शब्द बोलता है। इससे लोगों को प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कहा कि भाषा, संस्कृति के संरक्षण के लिए सभी को आगे आना होगा।
उन्होंने कहा कि कविता कवि की गहरी भावनाओं, समाज के प्रति उनकी दृष्टि और मानव मन के विभिन्न पहलुओं को अभिव्यक्त करती है। उन्होंने सिद्धि के साहित्यिक प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि कविता एक ऐसा माध्यम है जो जीवन की गहराइयों को समझने और व्यक्त करने का अवसर देती है।
अन्य वक्ताओं ने पुस्तक की कुछ कविताओं का पाठ करके सुनाया। दिनेश सेमल्टी ने काव्य संग्रह शब्द वाटिका की समीक्षा की। सिद्धि डोभाल ने अपनी काव्य संग्रह लिखने के दौरान अपने भावों को व्यक्त किया। इस दौरान सिद्धि डोभाल का जन्म दिन भी मनाया गया। अतिथियों ने केक काटकर उन्हें जन्म दिन और पुस्तक विमोचन की शुभकामनाएं दी।
कार्यक्रम में संतोष व्यास, सुभाष सेमल्टी, वंदना दढ़ियाल रश्मि पनौली ललित मोहन, बीएन डोभाल , अनिल डोभाल, मनमोहन डोभाल , जेपी नवानी, दिनेश गैरोला आदि मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन नवल नंदन ने किया।